संपादकीय

अहिंसा परमो:धर्म्  के भाव वाले भारत में हिंसा चिंतनीय

शक्तिशाली साम्राज्य के विरुद्ध भारत ने अहिंसा और सत्याग्रह के शस्त्रों से स्वतंत्रता दिलाकर विश्व को नई दिशा दिखाई, वहां हिंसाग्रह चिंतनीय!! – एड किशन भावनानी गोंदिया – अंतरराष्ट्रीय स्तरपर सर्वविदित है कि भारत सदियों से संस्कृति, सभ्यता, आध्यात्मिकता और अहिंसा का पुजारी रहा है। भारत के मूल में ही सत्य, अहिंसा  बलिदान किसी भी […]

राष्ट्रीय संपादकीय

परमाणु हथियारों का उपयोग मानवता और दुनिया के लिए आपदा

एड किशन भावनानी वैश्विक मानवता के लिए 6 और 9 अगस्त 1945 एक ऐसा दुखद दिन था, जब मानवता के खिलाफ एक भयंकर मानवीय त्रासदी हुई थी,जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता!! बस!!! कारण वही जिस के उपयोग की गड़गड़ाहट यूक्रेन-रूस युद्ध में युद्धकाल को परमाणु युद्धकाल में बदलने की आहट का एहसास हो रहा […]

संपादकीय

छठा चरण योगी की उम्मीदवारी के चलते हो गया है अहम

अजय कुमार उत्तर प्रदेश का विधान सभा चुनाव मोदी-योगी के गढ़ पूर्वाचल में प्रवेश कर चुका है। छठे चरण की जिन 57 सीटों पर चुनाव होने हैं, उनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर विधान सभा सीट भी शामिल है,जहां से योगी पहली बार विधान सभा का चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार मतदाता किसकी कितनी […]

संपादकीय

वन्य जीव सृष्टि पर टिका मानव जीवन का अस्तित्व

(विश्व वन्यजीव दिवस – 3 मार्च 2022) लेखक – डॉ. प्रितम भी. गेडाम वन्य पशु, पक्षी, जीव जंतु प्रकृति के नियमों का पालन करते हैं और प्रकृति का संरक्षण करते हैं, स्वार्थी मनुष्य की भांति पशु-पक्षियों की आवश्यकता अनगिनत नहीं होती है। प्रत्येक वन्य जीव पशु-पक्षी प्रकृति के समृद्धि के लिए कार्य करते है। पृथ्वी […]

संपादकीय

देश में तेल की कीमतों में लगी आग

तिशा वार्ष्णेय इसे क्या कहां जाये ? आपदा में अवसर या देश में जनता पर तेल कंपनियों की धमाचौकड़ी? जी हां पांच राज्यों में चुनाव समाप्त होते ही देशमें तेलकंपनियों ने पेट्रोल के दाम में छोटी ही सही लेकिन बढ़ोतरी कर दी है। ज्ञात रहे कि विगत 2 मई को पांच राज्यों के चुनाव परिणाम […]

संपादकीय

कोरोना का काल बनेगी मानवता की जिजिविषा

आर.के. सिन्हा कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने सारे भारत को घुटने पर आने पर मजबूर कर दिया है। समझ नहीं आ रहा है कि कोरोना से कब देश और दुनिया को अंततः मुक्ति मिलेगी। पर यह भी अजीब सी बात ही है कि महामारी, अकाल, भूकम्प जैसी घटनायें बच्चों को इतिहास में पढ़ाई नहीं […]

संपादकीय

कोविड-19 का कहर और भारत की विदेश नीति

अली खान आज समूचा राष्ट्र अदृश्य विषाणु के खिलाफ जंग लड़ रहा है। कोरोना? की दूसरी वेव बेहद भयानक रूप से सामने आई है। दूसरी वेव सक्रिय होने से चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। इस बीच देश ऑक्सीजन की भारी किल्लत झेलने को मजबूर है। आज देश भर से स्वास्थ्य सेवाओं के खस्ताहाल होने […]

संपादकीय

सेंट्रल विस्टा निर्माण पर उपजते सवाल

सौरभ वार्ष्णेय सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (नई विशालकाय संसद निर्माण कार्य) का अंग्रेजी नाम है। आखिरकार इस प्रोजेक्ट पर ऐसा क्या है जिस पर देश के विपक्ष नेसवाल उठा दिया है। वहीं विरोध सिर्फ इस बात का है कि कोविड महामारी के समय यह निर्माण रोक देना चाहिए ? जबकि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी […]

संपादकीय

चलो फिर कोई ‘चिपको आंदोलन चलाया जाए

संजय सक्सेना बोतल में आम ‘माजा’ है नाम। भले ही यह स्लोगन व्यवसायिक हो,लेकिन इसमें कई निहितार्थ छिपे हुए हैं। कोरोना महामारी के दौर मे तो यह ’स्लोगन’ और भी सामायिक हो जाता है। ठीक वैसे ही जैसे अक्सर यह कहा जाता है ‘जैसा खाएं अन्न,वैसा बने मन।’ या फिर अक्सर इसी तरह की कुछ […]

संपादकीय

जीवन का सौन्दर्य एवं शक्ति है परिवार

ललित गर्ग अन्तर्राष्ट्रीय परिवार दिवस हर साल 15 मई को मनाया जाता है। देश एवं दुनिया को परिवार के महत्व को बताने के लिए यह दिवस मनाया जाता हैं। प्राणी जगत एवं सामाजिक संगठन में परिवार सबसे छोटी इकाई है। परिवार के अभाव में मानव समाज के संचालन की कल्पना भी दुष्कर है, इस बात […]